दुनिया के सात अजूबे Seven Wonders Of The World
दुनिया के सात अजूबे कब कैसे और कहाँ हैं…..When, how and where are the seven wonders of the world?
1. गिज़ा का पिरामिड (मिस्र)
* निर्माण: लगभग (2580 से 2560) ईसा पूर्व।
* विशेषताएँ: यह खुफू (फिरौन) का मकबरा है और यह सबसे बड़ा और पुराना पिरामिड है। यह प्राचीन विश्व का एकमात्र अजूबा है जो आज भी अस्तित्व में है।
Paragraph-गिजा का पिरामिड दुनिया के सात प्राचीन अजूबों में से एक है और यह अब तक का सबसे बड़ा और सबसे ऊंचा पिरामिड है, जिसकी ऊंचाई 481 फीट है। यह पिरामिड मिस्र के फिरौन खुफू के लिए एक दफन स्थल के रूप में बनाया गया था, जो 26 वीं शताब्दी ईसा पूर्व में लगभग 23 वर्षों तक शासन किया था। दुनिया के सात अजूबे seven wonders of the world
ग्रेट पिरामिड की विशेषताएं इस प्रकार हैं The features of the Great Pyramid are
-स्थान: यह उत्तरी मिस्र में नील नदी के पश्चिमी तट पर स्थित एक चट्टानी पठार पर बनाया गया है।
-आकार: यह 13 एकड़ से थोड़ा अधिक जमीन को कवर करता है, और प्रत्येक पक्ष लगभग 756-फीट लंबा है।
-कोण: प्रत्येक कोना लगभग 90-डिग्री का कोण है, और प्रत्येक पक्ष कंपास के कार्डिनल बिंदुओं में से एक का सामना करने के लिए गठबंधन किया गया है।
-निर्माण: यह 2.3 मिलियन, अत्यंत बड़े, भारी, कटे-पत्थर के ब्लॉकों से बना है, जिनका वजन औसतन 2 1/2 टन है।
-दफन कक्ष: इसमें तीन दफन कक्ष हैं, जिनमें से एक किंग्स चैंबर है, जहां खुफू को दफनाया गया था।
2. हैंगिंग गार्डन (बाबिलोन)
* निर्माण: लगभग 600 ईसा पूर्व।
* विशेषताएँ: कहा जाता है कि ये बाग़ नेबुकडनेसर द्वितीय ने अपनी पत्नी के लिए बनवाए थे। उनकी वास्तविकता विवादित है, क्योंकि कोई ठोस पुरातात्विक प्रमाण नहीं है।
Paragraph-हैंगिंग गार्डन मुंबई का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो मालावार पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और इसका निर्माण 1881 में हुआ था। इसे फ़िरोज़शाह मेहता गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर कई प्रकार के सुंदर फूल और हरियाली देखने को मिलती है, और यहाँ से सूर्यास्त का दृश्य भी बहुत ही सुंदर दिखाई देता है। दुनिया के सात अजूबे seven wonders of the world
हैंगिंग गार्डन की विशेषता है इसकी जानवरों की आकृति में कटी हुई झाड़ियाँ, जो पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करती हैं। इसके अलावा, यहाँ पर ओल्ड लेडी शू नामक एक बड़ा जूता भी है, जो फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा स्पॉट है। पार्क में टहलने और सुबह की सैर के लिए अच्छी तरह से बनाए गए रास्ते हैं, जो इसे सुबह की सैर के लिए एक उपयुक्त स्थान बनाते हैं।
यह पार्क न केवल पर्यटकों के लिए बल्कि मुंबई के निवासियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल है, जहाँ वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिता सकते हैं। प्रवेश निशुल्क है, और पार्क सुबह 5 बजे से शाम 9 बजे तक खुला रहता है।
3. ऑलंपिया का ज़्यूस का मंदिर (ग्रीस)
* निर्माण: लगभग 435 ईसा पूर्व।
* विशेषताएँ: यह मंदिर ज़्यूस, ग्रीक के देवता के लिए समर्पित था और इसमें एक विशाल सोने-चांदी की मूर्ति थी। यह ओलंपिक खेलों का स्थान भी था।
Paragraph-ओलंपिया का ज़्यूस का मंदिर प्राचीन ग्रीस के ओलंपिया में स्थित था और यह ज़्यूस, ग्रीक देवताओं के राजा के लिए समर्पित था। इसके बारे में निम्नलिखित प्रमुख बातें हैं:
इतिहास और निर्माण-
* निर्माण: यह मंदिर लगभग 435 ईसा पूर्व में बनाया गया था, और इसे प्रसिद्ध वास्तुकार फ़िडियास द्वारा डिजाइन किया गया था।
* सामग्री: मंदिर का निर्माण मुख्यतः संगमरमर और पत्थर से किया गया था।
4. हैलिकर्नासस का मकबरा (तुर्की)
* निर्माण: लगभग 350 ईसा पूर्व।
* विशेषताएँ: यह मौरुस के मकबरे के रूप में जाना जाता था, और इसकी ऊंचाई लगभग 45 मीटर थी। इसका वास्तुकला और सजावट अद्वितीय थी।
Paragraph-हैलिकर्नासस का मकबरा तुर्की में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है, जो अपनी अद्वितीय वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह मकबरा मौर्य साम्राज्य के शासक मौसोलस की याद में बनाया गया था, जिसकी मृत्यु 352 ईसा पूर्व में हुई थी। मौसोलस की पत्नी और बहन, आर्टेमिसिया ने इस मकबरे का निर्माण करवाया था।
हैलिकर्नासस का मकबरा अपने समय की सबसे बड़ी और सबसे भव्य संरचनाओं में से एक था, जो लगभग 120 फीट ऊंचा और 100 फीट चौड़ा था। इसकी दीवारों पर कई सुंदर मूर्तियाँ और राहतें उकेरी गई थीं, जो यूनानी और रोमन कला की अद्वितीयता को प्रदर्शित करती थीं।
आजकल, हैलिकर्नासस का मकबरा एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जो तुर्की के बोडरम शहर में स्थित है। यह स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है, और यहाँ पर्यटकों को इतिहास, संस्कृति, और वास्तुकला की अद्वितीय झलक देखने को मिलती है। दुनिया के सात अजूबे seven wonders of the world
5. रोम का कोलोसियम (इटली)
* निर्माण: लगभग 70-80 ईसा पूर्व।
* विशेषताएँ: यह एक विशाल एरिना था जहाँ ग्लेडियेटर मुकाबले और अन्य सार्वजनिक कार्यक्रम होते थे। यह रोम का प्रतीक है।
Paragraph-रोम का कोलोसियम एक ऐतिहासिक और वास्तुशिल्पीय अद्भुति है, जो इटली के रोम शहर में स्थित है। इसका असली नाम ‘फ्लेवियन एम्फीथिएटर’ है, लेकिन यह कोलोसियम के नाम से ही ज़्यादा प्रसिद्ध है। यह विश्व के नए 7 अजूबों में गिना जाता है और रोम की स्थापत्य कला और इंजीनियरिंग का उत्तम नमूना है।
कोलोसियम का निर्माण लगभग 70-72 ईस्वी में सम्राट वेस्पेसियन ने करवाया था और 80 ईस्वी में सम्राट टाइटस ने पूरा किया। यह एक एलिप्टिकल एम्फीथिएटर है, जिसमें लगभग 50,000 तक लोग एक साथ बैठकर जंगली जानवरों और गुलामों के बीच खूनी लड़ाइयों का खेल देखते थे। इसकी क्षमता और विशालता के कारण, यह रोमन साम्राज्य की शक्ति और समृद्धि का प्रतीक बन गया था।
आजकल, कोलोसियम एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। हर साल यहाँ 4 मिलियन से भी ज्यादा पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता के कारण, यह एक ऐसा स्थल है जो आपको रोम के गौरवशाली अतीत की झलक देता है।
6. चिचेन इट्ज़ा (मेक्सिको)
* निर्माण: 600 ईस्वी के आसपास।
* विशेषताएँ: यह माया सभ्यता का प्रमुख स्थल है। यहाँ का कुकुल्कान पिरामिड प्रमुख आकर्षण है, जो समर और विंटर सॉलस्टाइस के दौरान अद्वितीय छायाएँ प्रस्तुत करता है।
Paragraph-दुनिया के सात अजूबों में से यह भी एक अजूबा है और वैसे भी ख़ास चीजें गिनती की होती है है की नहीं।
•एक मेसोमेरिकेन स्टेपीरामिड है जो मेक्सिकन राज्य युकाटन में चिचेन इत्जा पुरातात्विक स्थल के केंद्र पर हावी है।
•इन पिरामिडों को केलैंडर और अनुष्ठानों के रूप में इस्तेमाल करते थे। इनसे खगोलीय घटनाओं का पता चलता था।
•जैसे हिंदुओ के मंदिर और मुसलमानों का मस्जिद क्रिस्चैन के चर्च होते है वैसे ही यह भी एक पवित्र स्थान है।इन पिरामिडों से पहले ज़माने के लोग गणित और खगोलीय ज्ञान अर्जित करते थे।
•इसके अच्छे तरह से संरच्छित खंडहर दुनिया के सबसे बड़े और सबसे बड़े मायान पुरातात्विक स्थलों में से एक है। माया सभ्यता के लोगों ने इसे 6वी शताब्दी में बनाया था
•अपनी शानदार वास्तुकला और रहस्यवाद के लिए दुनिया के सबसे प्रसिद पुरातात्विक स्थलों में से एक है। टोलटेक माया ने 1050 और 1300 ई. के बीच बनाया था पिरामिड के चारों तरफ़ 91 सीढ़ियों वाली सीढ़ियाँ हैं ।
इन सभी सीढ़ियों को मिलाये तो और एक इसके मंच को शामिल करे तो 365 होती है जो की एक साल में भी इतने ही दिन होते हैं इन पर पंख वाले साँपों का भी स्ट्रैक्चर है। जो बसंत और सर्द ऋतु में अच्छे से दिखाई देता है
7. ताज महल (भारत)
* निर्माण: 1632-1653 ईस्वी।
* विशेषताएँ: यह मुग़ल सम्राट शाहजहाँ द्वारा अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया गया था। यह सफेद संगमरमर से बना है और इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
Paragraph-ताजमहल यह भी दुनिया के सात अजूबों में से एक है और इन सात अजूबों में से भी सबसे ज़्यादा पॉपुलर है ।
ताजमहल जो की इंडिया में है और यह इतना पॉपुलर है की
हर देश से लोग इसे देखने आते है ये सिर्फ़ खूबसूरत ही नहीं बल्कि काफ़ी रहशमयी हैं कुछ बातें है जो आपके दिल को छू जायेंगी क्योंकि इसके बनने का कारण भी दिल ही है तो चलिए जानते है इसके बारे में।
आइए पॉइंट्स में समझते है,
•ताजमहल शाहजहाँ ने बनवाया था जो जहागीर के बेटे थे।
•इस ताजमहल को शाहजहाँ ने मुमताज़ की याद में बनवाया था
क्योंकि वो उनसे बेहद प्यार करते थे यार।
•ताजमहल इंडिया के उत्तरप्रदेश राज्य के आगरा में है
•इसकी वास्तुशैली फ़ारसी,तुर्की,भारतीय और इस्लामी घटकों से मिलकर बनी हुई है।
•ताजमहल की बनावट को देखकर यह साफ़ पता चलता है कि भारत की वास्तुकला बहुत विकसित थी और मुग़ल शासक के समय इसका डिज़ाइन बनाने वाले लोग काफ़ी टेलेंटेड थे
इसके कारीगरों ने बहुत जल्दी ही इसे तैयार कर दिया था।
•ताजमहल 1932 में बनना शुरू हुआ और 1953 में पूरा हुआ
•इसे बनने में लगभग 22 साल लगे।
•इसे बनने में 2 करोड़ 68 लाख रुपये खर्च हुए। दुनिया के सात अजूबे seven wonders of the world
निष्कर्ष conclusion
•ये सात अजूबे मानवता की वास्तुकला, कला और संस्कृति के अद्भुत उदाहरण हैं। इनमें से कुछ आज भी खड़े हैं, जबकि अन्य केवल ऐतिहासिक वर्णनों में ही मिलते हैं। इनकी महानता और सांस्कृतिक महत्व आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं।