कान्हा नेशनल पार्क: द स्टोरी ऑफ़ जंगल बुक Kanha National Park the story of jungle book
शुरुआत से अंत तक जरूर पढ़े। Kanha National Park the story of jungle book
कान्हा नेशनल पार्क, मध्य प्रदेश में स्थित, भारत के सबसे प्रसिद्ध और बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। यह पार्क बफर, कान्हा और मुक्की के दो क्षेत्रों में फैला हुआ है और इसे 1955 में स्थापित किया गया था।
विशेषताएँ
1.प्राकृतिक सौंदर्य- पार्क की भौगोलिक संरचना में घने जंगल, घास के मैदान, पहाड़ियाँ और नदियाँ शामिल हैं, जो इसे एक अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र बनाते हैं।
2.वन्यजीव- कान्हा नेशनल पार्क बाघों, तेंदुओं, गौर, बारहसिंगा, और विभिन्न पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है। विशेष रूप से, यह पार्क बारहसिंगा (स्वर्णिम हिरण) का संरक्षण करने के लिए जाना जाता है।
3.फ्लोरा और फौना- यहाँ पर साल, साजा, और ढेर सारे जंगली फूलों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। पार्क में लगभग 300 प्रकार के पक्षी भी पाए जाते हैं।
4.सफारी- पार्क में जीप और हाथी सफारी की व्यवस्था है, जिससे पर्यटक वन्यजीवों को निकटता से देख सकते हैं। यह अनुभव पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।
5.संरक्षण प्रयास- कान्हा नेशनल पार्क का लक्ष्य वन्यजीवों के संरक्षण के साथ-साथ उनके प्राकृतिक आवास की रक्षा करना है। यहाँ कई परियोजनाएँ चलाई जा रही हैं, जैसे कि बाघों के संरक्षण के लिए “Project Tiger”।
6.पर्यटन- पार्क में रुकने के लिए कई रिसॉर्ट्स और लॉज हैं, जो पर्यटकों को सुविधा प्रदान करते हैं। इसके अलावा, यहाँ के अद्भुत दृश्यों और जीवों के कारण यह स्थान पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
सांस्कृतिक महत्व
कान्हा नेशनल पार्क का प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता न केवल पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय जनजातियों की संस्कृति और जीवनशैली का भी अभिन्न हिस्सा है।
कुल मिलाकर, कान्हा नेशनल पार्क न केवल भारत के वन्यजीवों और पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि यह पर्यटकों के लिए एक अद्भुत अनुभव भी प्रदान करता है।
कान्हा नेशनल पार्क की विशेषताएँ
कान्हा नेशनल पार्क की कई विशेषताएँ हैं, जो इसे एक अनूठा और आकर्षक पर्यटन स्थल बनाती हैं। यहाँ इसकी प्रमुख विशेषताएँ वर्णित की गई हैं-
1.जैव विविधता
कान्हा नेशनल पार्क में वन्यजीवों और वनस्पतियों की विविधता अद्वितीय है। यहाँ बाघ, बारहसिंगा, हिरण, तेंदुआ, भालू, और विभिन्न पक्षियों की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
2.टाइगर रिजर्व
पार्क 1973 में टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य बाघों के संरक्षण को बढ़ावा देना है। यहाँ बाघों की संख्या और उनका संरक्षण प्रमुखता से किया जाता है।
3.प्राकृतिक सौंदर्य
पार्क का दृश्य अत्यंत मनोहारी है, जिसमें घने जंगल, घास के मैदान, पहाड़ियाँ और जलाशय शामिल हैं। यह प्राकृतिक सौंदर्य वन्यजीवों के अवलोकन के लिए आदर्श स्थान प्रदान करता है।
4.संरक्षण प्रयास
कान्हा पार्क में वन्यजीव संरक्षण के लिए कई योजनाएँ और कार्यक्रम चलाए जाते हैं, जो स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करते हैं।
5.सफारी अनुभव
यहाँ जिप्सी और कैन्टर सफारी की व्यवस्था है, जिससे पर्यटक जंगल का अनुभव कर सकते हैं। गाइड्स वन्यजीवों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
6.पारिस्थितिकी विविधता
पार्क में शुष्क पर्णपाती जंगल, घास के मैदान, और नदियाँ जैसी विभिन्न पारिस्थितिकी प्रणालियाँ हैं, जो जीवों के लिए विभिन्न आवास प्रदान करती हैं।
7.विभिन्न गतिविधियाँ
पार्क में ट्रैकिंग, नेचर वॉक्स, और फोटोग्राफी जैसे विभिन्न गतिविधियाँ उपलब्ध हैं, जो पर्यटकों को जंगल के निकट लाती हैं।
8.सामुदायिक सहभागिता
स्थानीय समुदायों को संरक्षण कार्यक्रमों में शामिल किया जाता है, जिससे उनकी आजीविका और पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बना रहता है।
9.अवधि और मौसम
पार्क का सबसे अच्छा दौरा अक्टूबर से जून के बीच होता है, जब वन्यजीवों की गतिविधियाँ अधिक होती हैं और मौसम सुहावना होता है।
10.शोध और शिक्षा
पार्क में शोधकर्ताओं के लिए अध्ययन करने के अवसर उपलब्ध हैं, और स्थानीय स्कूलों में पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इन विशेषताओं के कारण, कान्हा नेशनल पार्क एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल और वन्यजीव संरक्षण का उदाहरण है, जो पर्यटकों और वैज्ञानिकों के लिए समान रूप से आकर्षक है।
कान्हा नेशनल पार्क के सभी मुख्य गेट
कान्हा नेशनल पार्क में मुख्यतः तीन प्रवेश द्वार हैं-
1.कान्हा गेट- यह मुख्य गेट है, जो कान्हा क्षेत्र में प्रवेश के लिए उपयोग होता है। यहाँ से जीप सफारी का आयोजन किया जाता है।
2.मुक्की गेट- यह गेट पार्क के मुक्की क्षेत्र में स्थित है और इसे भी सफारी के लिए उपयोग किया जाता है।
3.बफर गेट (साल) गेट- यह गेट बफर क्षेत्र में स्थित है और यहाँ भी वन्यजीवों को देखने के लिए सफारी की व्यवस्था है।
इन तीनों गेटों से पर्यटक पार्क के विभिन्न क्षेत्रों का अनुभव कर सकते हैं।
कान्हा नेशनल पार्क में पर्यटक की सुविधाएँ
कान्हा नेशनल पार्क, मध्य प्रदेश में स्थित एक प्रमुख टाइगर रिजर्व है, जो अपनी विविध वन्यजीवों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहाँ पर्यटकों के लिए कई सुविधाएँ उपलब्ध हैं-
1.सफारी विकल्प-
जिप्सी सफारी- दिन में कई बार उपलब्ध होती है, जो पर्यटकों को जंगल के भीतर ले जाती है।
कैन्टर सफारी- यह भी एक लोकप्रिय विकल्प है, जिसमें बड़ी गाड़ियों में यात्रा की जा सकती है।
2.निर्धारित क्षेत्र
पार्क के भीतर विभिन्न क्षेत्रों में घूमने के लिए मार्गदर्शित सफारी की व्यवस्था है, जो वन्यजीवों के देखने का अच्छा अनुभव देती है।
3.लॉज और रिसॉर्ट्स
विभिन्न स्तर के ठहरने की सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जैसे कि रिसॉर्ट्स, लॉज और टेंट कैम्पिंग, जो आरामदायक और प्राकृतिक वातावरण में होते हैं।
4.गाइड सेवा
अनुभवी गाइड्स उपलब्ध हैं जो वन्यजीवों और स्थानीय पारिस्थितिकी के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
5.विभिन्न गतिविधियाँ
ट्रैकिंग और नेचर वॉक्स- पार्क में ट्रैकिंग और नेचर वॉक की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।
फोटोग्राफी टूर- प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए विशेष टूर आयोजित किए जाते हैं।
6.बुनियादी सुविधाएँ
पार्क के भीतर शौचालय, जल स्रोत और अन्य आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
7.सुरक्षा और देखभाल
सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था होती है, जिससे पर्यटकों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलता है।
8.प्राकृतिक शिक्षा
पार्क में शिक्षा कार्यक्रम और कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीवों के संरक्षण के बारे में जानकारी दी जाती है।
9.स्थान
कान्हा का स्थान और परिवहन सुविधाएँ भी अच्छी हैं, जिससे पर्यटक आसानी से पार्क पहुँच सकते हैं।
इन सुविधाओं के साथ, कान्हा नेशनल पार्क पर्यटकों को अद्भुत वन्यजीवों और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव प्रदान करता है।
1.कान्हा नेशनल पार्क कहाँ स्थित है?
उत्तर- कान्हा नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के मंडला और बालाघाट जिलों में स्थित है। यह पार्क भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध टाइगर रिजर्वों में से एक है।
भौगोलिक स्थिति
स्थान- यह पार्क मुख्य रूप से मंडला जिले में फैला हुआ है और इसकी सीमा बालाघाट जिले तक फैली हुई है।
ऊँचाई- पार्क की ऊँचाई लगभग 600 से 900 मीटर के बीच है, जिससे यहाँ की जलवायु और पारिस्थितिकी विविध होती है।
संलग्नता- कान्हा पार्क, कान्हा-किसली राष्ट्रीय उद्यान के तहत आता है और इसकी कुल क्षेत्रफल लगभग 940 वर्ग किलोमीटर है।
कैसे पहुँचें
सड़क द्वारा- पार्क से नजदीकी शहर जैसे कटंगी, मंडला, और डिंडोरी सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं।
रेल द्वारा- नजदीकी रेलवे स्टेशन बैतूल, कटंगी और जबलपुर हैं, जो पार्क तक पहुँचने के लिए उपयुक्त हैं।
हवाई मार्ग- सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जबलपुर में है, जो लगभग 160 किमी दूर है।
प्राकृतिक वातावरण
कान्हा नेशनल पार्क में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव, जैसे बाघ, बारहसिंगा, हिरण, और विभिन्न पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाती है।
इस प्रकार, कान्हा नेशनल पार्क न केवल अपनी वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता और पारिस्थितिकी के लिए भी जाना जाता है।
2.कान्हा नेशनल पार्क का क्षेत्रफल कितना है?
उत्तर- कान्हा नेशनल पार्क का क्षेत्रफल लगभग 940 वर्ग किलोमीटर (लगभग 360 वर्ग मील) है। यह पार्क भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण टाइगर रिजर्वों में से एक है।
क्षेत्रफल की व्याख्या
1.टाइगर रिजर्व
कान्हा नेशनल पार्क 1973 में एक टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित किया गया था और इसे बाघों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
2.विभाजन
पार्क का क्षेत्रफल मुख्य रूप से दो क्षेत्रों में विभाजित है: कान्हा और किसली।
कान्हा क्षेत्र में घने जंगल, घास के मैदान, और जलाशय शामिल हैं, जबकि किसली क्षेत्र में बाघों के लिए सुरक्षित आवास है।
3.प्राकृतिक विविधता
इस बड़े क्षेत्र में विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्र पाए जाते हैं, जैसे शुष्क पर्णपाती जंगल, घास के मैदान और नदियाँ। यह जैव विविधता को बढ़ावा देता है।
4.पर्यटन क्षेत्र
पार्क में पर्यटकों के लिए विशेष रूप से निर्धारित क्षेत्र हैं, जो सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से वन्यजीवों का अवलोकन करने की अनुमति देते हैं।
इस तरह, कान्हा नेशनल पार्क का विशाल क्षेत्रफल इसे वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यटकों के अनुभव के लिए एक अद्वितीय स्थान बनाता है।
3.क्या कान्हा नेशनल पार्क में बाघ देखने का अवसर मिलता है?
उत्तर- हाँ, कान्हा नेशनल पार्क में बाघ देखने का अवसर मिलता है, और यह बाघों के संरक्षण के लिए एक प्रमुख स्थल है। यहाँ बाघों के देखने के कुछ मुख्य पहलू निम्नलिखित हैं-
1.बाघों की जनसंख्या
कान्हा नेशनल पार्क में बाघों की एक महत्वपूर्ण संख्या पाई जाती है, जो इसे बाघ प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। यह क्षेत्र बाघों के लिए प्राकृतिक आवास प्रदान करता है, जिसमें घने जंगल और घास के मैदान शामिल हैं।
2.सफारी विकल्प
पार्क में जिप्सी और कैन्टर सफारी की सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जो पर्यटकों को बाघों के देखने का अनूठा अनुभव प्रदान करती हैं। ये सफारियाँ विशेषज्ञ गाइड्स के साथ होती हैं, जो बाघों के ठिकानों की जानकारी रखते हैं।
3.सक्रिय समय
बाघ आमतौर पर सुबह और शाम के समय सक्रिय होते हैं। इसलिए, इन समयों में सफारी करने पर बाघों को देखने की संभावना अधिक होती है।
4.विभिन्न स्थलों पर पहुँच
पार्क के भीतर कई ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ बाघों की उपस्थिति अधिक होती है, जैसे कि बाम्बा, कुंवारी, और धूप कुटी क्षेत्र।
5.संरक्षण प्रयास
पार्क में बाघों की सुरक्षा के लिए कई कार्यक्रम और संरक्षण पहल चलाए जाते हैं, जिससे बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है।
6.अवधि
बाघों को देखने के लिए पर्यटकों को कई बार पुनः आना पड़ सकता है, क्योंकि इनकी गतिविधियाँ मौसम और समय के साथ बदलती रहती हैं।
कुल मिलाकर, कान्हा नेशनल पार्क बाघों के देखने के लिए एक अत्यंत लोकप्रिय और सफल स्थान है, जहाँ पर्यटक वन्यजीवों के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद ले सकते हैं।
4.सफारी की व्यवस्था कैसे होती है?
उत्तर- कान्हा नेशनल पार्क में सफारी की व्यवस्था कुछ विशेष चरणों में होती है, जिससे पर्यटक जंगल का अनुभव कर सकें। यहाँ सफारी की व्यवस्था की प्रक्रिया विस्तार से समझाई गई है-
1.सफारी के प्रकार
जिप्सी सफारी- यह 6-8 सीटों वाली खुली जिप्सियों में होती है। यह अधिक निजी अनुभव देती है।
कैन्टर सफारी- यह बड़ी गाड़ियों में होती है, जिसमें 20-25 लोग बैठ सकते हैं। यह कम लागत में होती है और समूहों के लिए अच्छी है।
2.अनुमति और बुकिंग
पूर्व-आरक्षण- सफारी के लिए टिकट ऑनलाइन या पार्क के प्रवेश द्वार पर बुक किए जा सकते हैं। ऑनलाइन बुकिंग की सलाह दी जाती है, खासकर सीजन के दौरान।
अनुमति पत्र- बुकिंग के साथ ही पर्यटकों को एक अनुमति पत्र मिलता है, जो सफारी के लिए आवश्यक है।
3.सफारी समय
सफारी आमतौर पर सुबह और शाम के समय होती है, जब वन्यजीव अधिक सक्रिय होते हैं।
सुबह की सफारी लगभग 6:00-7:00 बजे से शुरू होती है और शाम की सफारी 3:00-4:00 बजे से शुरू होती है।
4.गाइड सेवा
हर सफारी में एक अनुभवी गाइड होता है, जो जंगल के बारे में जानकारी देता है और बाघों और अन्य वन्यजीवों की खोज में मदद करता है।
गाइड स्थानीय पारिस्थितिकी और जीवों के व्यवहार को समझाने में सहायता करते हैं।
5.सफारी मार्ग
पार्क के भीतर निश्चित मार्गों पर सफारी की जाती है, जिन्हें वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए निर्धारित किया गया है।
कुछ विशेष स्थान होते हैं जहाँ वन्यजीवों की संभावना अधिक होती है।
6.सुरक्षा नियम
सफारी के दौरान सुरक्षा के नियमों का पालन करना आवश्यक है। पर्यटकों को गाड़ी के अंदर बैठना होता है और शोर करने से बचना होता है।
7.अन्य गतिविधियाँ
सफारी के दौरान, पर्यटक अन्य गतिविधियों जैसे फोटोग्राफी और प्राकृतिक अवलोकन का भी आनंद ले सकते हैं।
इस तरह, कान्हा नेशनल पार्क में सफारी की व्यवस्था पर्यटकों को वन्यजीवों के साथ एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है।
5.कान्हा नेशनल पार्क में जाने का सबसे अच्छा समय कब है?
उत्तर- कान्हा नेशनल पार्क में जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जून के बीच होता है। इस अवधि के दौरान मौसम और वन्यजीवों की गतिविधियाँ अनुकूल होती हैं। यहाँ इस समय की विशेषताएँ विस्तार से समझाई गई हैं-
1.मौसम की स्थिति
सर्दी (अक्टूबर से फरवरी)- इस दौरान तापमान 10°C से 25°C के बीच रहता है। यह मौसम सफारी के लिए बेहद सुहावना होता है, क्योंकि जंगल में ठंडक और कम उमस होती है।
गर्मी (मार्च से जून)- मार्च से जून के बीच तापमान बढ़कर 30°C से 45°C तक पहुँच सकता है। इस दौरान, जल स्रोतों के निकट वन्यजीवों का अवलोकन करना आसान होता है, क्योंकि वे पानी की तलाश में आते हैं।
2.वन्यजीवों की गतिविधियाँ
सर्दी- इस समय बाघ और अन्य वन्यजीवों की गतिविधियाँ बढ़ जाती हैं, जिससे उन्हें देखने के अवसर अधिक होते हैं।
गर्मी- गर्मियों में, विशेष रूप से मई और जून में, बाघों की संख्या जल स्रोतों के आस-पास बढ़ जाती है, जिससे उनके देखने की संभावना और भी अधिक हो जाती है।
3.पर्यटन भीड़
पारिवारिक छुट्टियाँ- दिसंबर और जनवरी में छुट्टियों का समय होने के कारण भीड़ बढ़ जाती है, इसलिए यदि शांति की तलाश हो, तो अक्टूबर, फरवरी, या मार्च का समय बेहतर होता है।
मॉनसून (जुलाई से सितंबर)- इस अवधि में पार्क बंद रहता है, क्योंकि भारी बारिश और मिट्टी के कारण सफारी की व्यवस्था संभव नहीं होती।
4.सफारी का अनुभव
सर्दी और गर्मियों में सफारी के दौरान, वन्यजीवों का अवलोकन करने के लिए बेस्ट शर्तें होती हैं, और गाइड भी अधिक जानकारी देने में सक्षम होते हैं।
इस प्रकार, अक्टूबर से जून तक का समय कान्हा नेशनल पार्क की यात्रा के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है, जिसमें पर्यटक वन्यजीवों और प्राकृतिक सौंदर्य का भरपूर अनुभव ले सकते हैं।
6.क्या पार्क में रुकने की व्यवस्था है?
उत्तर- कान्हा नेशनल पार्क में रुकने की विभिन्न व्यवस्था उपलब्ध है, जो पर्यटकों को आरामदायक और सुरक्षित ठहराव का अनुभव प्रदान करती है। यहाँ कुछ प्रमुख विकल्प दिए गए हैं-
1.फ्लैट्स और रिसॉर्ट्स
प्राइवेट रिसॉर्ट्स- कई निजी रिसॉर्ट्स हैं जो आधुनिक सुविधाएँ और आरामदायक आवास प्रदान करते हैं। इनमें स्विमिंग पूल, रेस्तरां और स्पा जैसी सुविधाएँ शामिल हो सकती हैं।
लॉज- पार्क के निकट स्थित लॉज भी हैं, जो स्थानीय संस्कृति का अनुभव करने का मौका देते हैं।
2.सरकारी आवास
एमपी टूरिज्म लॉज- मध्य प्रदेश पर्यटन द्वारा संचालित कुछ लॉज हैं, जो सस्ते और सुविधाजनक ठहराव का विकल्प प्रदान करते हैं।
3.टेंट कैम्पिंग
कुछ पर्यटक कैम्पिंग का विकल्प चुनते हैं, जिसमें जंगल के निकट टेंट में रहने का अनुभव मिलता है। यह अनुभव अधिक प्राकृतिक और रोमांचक होता है।
4.सुविधाएँ
अधिकांश आवास स्थानों पर बुनियादी सुविधाएँ जैसे शौचालय, बिजली, और खाना उपलब्ध होता है।
कई रिसॉर्ट्स में स्थानीय भोजन और कस्टमाइज़्ड डाइट विकल्प भी होते हैं।
5.बुकिंग प्रक्रिया
पर्यटक अग्रिम बुकिंग कर सकते हैं, खासकर उच्च सीजन में। ऑनलाइन बुकिंग या स्थानीय पर्यटन कार्यालय के माध्यम से बुकिंग की जा सकती है।
6.निकटता
अधिकांश आवास स्थान पार्क के प्रवेश द्वार के करीब होते हैं, जिससे सफारी के लिए जाना आसान हो जाता है।
इस प्रकार, कान्हा नेशनल पार्क में रुकने के लिए विभिन्न विकल्प उपलब्ध हैं, जो सभी प्रकार के पर्यटकों की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
7.क्या पार्क में कैम्पिंग की अनुमति है?
उत्तर- कान्हा नेशनल पार्क में कैम्पिंग की अनुमति आमतौर पर सीमित होती है। हालांकि, कुछ विशेष स्थितियों में कैम्पिंग के विकल्प उपलब्ध हैं। यहाँ इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है-
1.सरकारी कैम्पिंग सुविधाएँ
पार्क के भीतर कुछ स्थानों पर सरकारी द्वारा संचालित कैम्पिंग टेंट की सुविधाएँ हो सकती हैं, जहाँ पर्यटक सुरक्षित और नियंत्रित वातावरण में रुक सकते हैं।
2.विशेष अनुमति
यदि आप अपने खुद के टेंट या कैम्पिंग उपकरण लाना चाहते हैं, तो आपको पार्क प्रबंधन से विशेष अनुमति लेनी होगी। यह अनुमति वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आवश्यक है।
3.गाइड के साथ कैम्पिंग
कुछ संगठित टूर ऑपरेटर कैम्पिंग टूर की पेशकश करते हैं, जिसमें गाइड के साथ जंगल में रुकने का अनुभव होता है। यह एक विशेष और रोमांचक अनुभव हो सकता है।
4.अन्य स्थानों पर कैम्पिंग
यदि आप पार्क के बाहर कैम्पिंग करना चाहते हैं, तो आस-पास के क्षेत्रों में ऐसे स्थान उपलब्ध हो सकते हैं, जहाँ कैम्पिंग की अनुमति है।
5.सुरक्षा नियम
कैम्पिंग करते समय, वन्यजीवों से दूरी बनाए रखना और पार्क के नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
6.फायदा
कैम्पिंग करने से पर्यटक प्राकृतिक वातावरण का अधिक निकटता से अनुभव कर सकते हैं और वन्यजीवों की गतिविधियों को अवलोकन करने का मौका मिलता है।
इस प्रकार, कान्हा नेशनल पार्क में कैम्पिंग के कुछ विकल्प हैं, लेकिन इसके लिए नियम और अनुमति का पालन करना आवश्यक है।
8.कान्हा नेशनल पार्क में कौन-कौन सी प्रजातियाँ पाई जाती हैं?
उत्तर- कान्हा नेशनल पार्क में विविध प्रकार की वन्यजीव प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो इसे जैव विविधता का एक समृद्ध केंद्र बनाती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख प्रजातियाँ दी गई हैं-
1.बाघ (Panthera tigris)
कान्हा पार्क बाघों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की जनसंख्या उच्च है, और बाघों का अवलोकन करने के लिए यह एक आदर्श स्थान है।
2.बारहसिंगा (Cervus duvauceli)
यह प्रजाति पार्क का प्रमुख आकर्षण है। बारहसिंगा को यहाँ की विशेष प्रजातियों में से एक माना जाता है और इसे संरक्षित किया गया है।
3.हिरण
साम्बर हिरण (Cervus unicolor)- यह भी पार्क में पाया जाता है और यह बड़े आकार का हिरण है।
चital (Axis axis)- ये छोटे और सुंदर होते हैं, और अक्सर झुंड में देखे जाते हैं।
4.भालू (Ursus arctos)
काले भालू की प्रजातियाँ भी यहाँ मिलती हैं, जो जंगल में अपने भोजन की तलाश करती हैं।
5.तेंदुआ (Panthera pardus)
तेंदुए भी यहाँ पाए जाते हैं, जो अपनी चपलता और छिपने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
6.वन्य सूअर (Sus scrofa)
ये समूहों में रहने वाले जानवर हैं और अक्सर जंगल के किनारों पर देखे जा सकते हैं।
7.पक्षी प्रजातियाँ
हॉर्नबिल (Bucerotidae)- ये बड़े, रंगीन पक्षी हैं और पार्क में पाए जाते हैं।
पारुल (Mugimaki Flycatcher)- और अन्य कई प्रकार के पक्षी भी यहाँ देखे जा सकते हैं।
8.रेपटाइल्स
पार्क में विभिन्न प्रकार के सांप और छिपकली भी पाई जाती हैं, जैसे कि कोबरा और बूढ़ा कछुआ।
9.जलीय जीव
पार्क के जलाशयों में विभिन्न प्रकार की मछलियाँ और अन्य जलीय जीव पाए जाते हैं।
10.फ्लोरा
पार्क की वनस्पति में सल, सागौन, और अन्य प्रजातियाँ शामिल हैं, जो वन्यजीवों के लिए आवास प्रदान करती हैं।
इस प्रकार, कान्हा नेशनल पार्क में वन्यजीवों और वनस्पतियों की एक अद्भुत विविधता देखने को मिलती है, जो इसे पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए एक आकर्षण बनाती है।