1.नवपाषाण और पूरापाषाण काल में अंतर Difference between Neolithic and Palaeolithic period


नवपाषाण काल/पूरापाषाण काल

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नवपाषाण काल

अवधारणा-
नवपाषाण काल, जिसे नई पाषाण काल भी कहा जाता है, मानव इतिहास का एक महत्वपूर्ण चरण है, जो लगभग 10,000 BCE से शुरू होकर 2000 BCE तक फैला हुआ है। इस काल का मुख्य आकर्षण कृषि के विकास, स्थायी बस्तियों और औजारों के निर्माण में सुधार है।

नवपाषाण काल की मुख्य विशेषताएँ- 

1.कृषि का विकास- इस काल में मानव ने शिकार और एकत्रीकरण से कृषि की ओर बढ़ना शुरू किया। गेहूं, जौ, और अन्य फसलों की खेती की जाने लगी।

2.स्थायी बस्तियाँ- लोग अब घुमंतू जीवन शैली से स्थायी बस्तियों की ओर अग्रसर हुए। उन्होंने गांव और समुदाय बनाना शुरू किया।

3.उन्नत औजार- नवपाषाणकालीन मानव ने पत्थर, लकड़ी और हड्डी के औजार बनाए। औजारों में धारदार उपकरण जैसे चाकू और हथौड़ी शामिल थे।

4.सामाजिक संरचना- कृषि और स्थायी निवास के कारण समाज की जटिलता बढ़ी। सामाजिक वर्ग और श्रमिक विभाजन की शुरुआत हुई।

5.धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ- इस काल में धार्मिक विश्वासों और रीति-रिवाजों का विकास हुआ। प्राचीन मूर्तियों और चित्रों का निर्माण भी किया गया।

6.पशुपालन- कृषि के साथ-साथ पशुपालन भी शुरू हुआ, जिससे लोगों को भोजन और अन्य संसाधनों की अधिक उपलब्धता हुई।

नवपाषाण संस्कृति के उदाहरण-
मेसोपोटामिया- यहां खेती और पशुपालन का विकास हुआ।
इंडस घाटी- यहां भी नवपाषाण सभ्यता के प्रमाण मिले हैं, जैसे मोहनजोदड़ो और हड़प्पा।
नवपाषाण काल ने मानव सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आधुनिक समाज की नींव रखी।

इस प्रकार, नवपाषाण काल मानव सभ्यता के विकास में एक महत्वपूर्ण चरण था, जिसने आधुनिक समाज की नींव रखी।


पूरापाषाण काल

पूरापाषाण काल, जिसे पुरानी पाषाण काल भी कहा जाता है, मानव इतिहास का प्रारंभिक चरण है। यह काल लगभग 2.6 मिलियन वर्ष पहले से लेकर लगभग 10,000 BCE तक फैला हुआ है। इस काल में मानव विकास, औजारों का निर्माण, और शिकार की जीवनशैली में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए।

प्रमुख विशेषताएँ-

1.समय सीमा-
पूरापाषाण काल की अवधि लगभग 2.6 मिलियन वर्ष पहले से 10,000 BCE तक है, जिसे विभिन्न चरणों में बांटा जा सकता है-
पैलियोलीथिक (Lower Paleolithic)- लगभग 2.6 मिलियन से 300,000 वर्ष पहले।
मेसोलिथिक (Middle Paleolithic)- लगभग 300,000 से 30,000 वर्ष पहले।
उपरी पैलियोलीथिक (Upper Paleolithic)- लगभग 50,000 से 10,000 वर्ष पहले।

2.औजारों का निर्माण-
मानव ने पत्थर के औजारों का उपयोग किया। प्रारंभिक औजारों में हाथी की हड्डियों और पत्थरों से बने साधारण उपकरण शामिल थे।
बाद में, औजारों में सुधार हुआ, जैसे कि चाकू, कुल्हाड़ी, और धारदार उपकरण।

3.शिकार और संग्रहण-
मानव समाज मुख्यतः शिकार और एकत्रीकरण पर निर्भर था।
मांस, जंगली फल, और नट्स का संग्रह किया जाता था।

4.जीवाश्म अध्ययन-
पुरापाषाण काल में पाए गए जीवाश्मों के अध्ययन से यह पता चलता है कि मानव विभिन्न जलवायु और पर्यावरणीय परिस्थितियों में रहते थे।
मानव ने बर्फीले क्षेत्रों से लेकर उष्णकटिबंधीय जंगलों तक का अन्वेषण किया।

5.सामाजिक संगठन-
प्रारंभिक मानव समूह छोटे और परिवार आधारित थे। वे सामूहिक रूप से शिकार करते थे और भोजन की खोज में एक-दूसरे की सहायता करते थे।

6.कला और संस्कृति-
इस काल में गुफा चित्रण का विकास हुआ। जैसे कि एल्क, बाइसन, और अन्य जानवरों के चित्र गुफाओं की दीवारों पर पाए गए हैं (उदाहरण- लास्कॉक्स गुफा, फ्रांस)।
ये चित्र उस समय की धार्मिकता, रिवाजों और मानव जीवन को दर्शाते हैं।

ऐतिहासिक महत्व-

पूरापाषाण काल ने मानव सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस काल के दौरान मानव ने अपने वातावरण को समझना और अनुकूलित करना सीखा, जो बाद की सभ्यताओं के लिए आधार बना। इसके साथ ही, औजारों का विकास और सामाजिक संगठनों की संरचना ने मानव इतिहास में महत्वपूर्ण बदलाव लाए।


नवपाषाण काल और पूरापाषाण काल मानव इतिहास के दो महत्वपूर्ण चरण हैं, और इनमें कई प्रमुख अंतरों का पता चलता है-

1. समय अवधि-
पूरापाषाण काल- लगभग 2.6 मिलियन वर्ष पहले से 10,000 BCE तक।
नवपाषाण काल- लगभग 10,000 BCE से 2000 BCE तक।

2. औजारों का निर्माण-
पूरापाषाण काल- पत्थर के प्राथमिक औजारों का उपयोग; साधारण और खुरदरे औजार।
नवपाषाण काल- उन्नत औजारों का निर्माण; धारदार और परिष्कृत उपकरणों का विकास।

3. जीवन शैली-
पूरापाषाण काल- शिकार और एकत्रीकरण पर निर्भर; घुमंतू जीवनशैली।
नवपाषाण काल- कृषि का विकास; स्थायी बस्तियाँ और गांवों का निर्माण।

4. समाज और संस्कृति-
पूरापाषाण काल- छोटे, परिवार आधारित समूह; सीमित सामाजिक संगठन।
नवपाषाण काल- जटिल सामाजिक संरचनाएँ; वर्ग विभाजन और श्रमिक विशेषीकरण की शुरुआत।

5. धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ-
पूरापाषाण काल- प्रारंभिक गुफा चित्रण; धार्मिकता की साधारण अवधारणाएँ।
नवपाषाण काल- धार्मिक विश्वासों का विकास; मूर्तियों और धार्मिक स्थलों का निर्माण।

6. कृषि और पशुपालन
पूरापाषाण काल- कृषि और पशुपालन का विकास नहीं
नवपाषाण काल- कृषि और पशुपालन की शुरुआत, जिससे भोजन की स्थायी उपलब्धता हुई।

इन अंतरों से स्पष्ट होता है कि नवपाषाण काल ने मानव सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए, जबकि पूरापाषाण काल ने आधारभूत कौशल और जीवन शैली का विकास किया।


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