इतिहास के सवाल 4 questions of history 4
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31.सिकंदर के आक्रमणों का भारत पर प्रभाव कैसा रहा?
उत्तर-सिकंदर के आक्रमणों का भारत पर प्रभाव कई तरह से देखा जा सकता है। सबसे पहले, यह आक्रमण भारत के पश्चिमोत्तर प्रांत में हुआ था, जो उस समय कई छोटे-छोटे राज्यों में बंटा हुआ था ¹। सिकंदर की विजयों ने इन राज्यों को एकजुट करने में मदद की, लेकिन यह एकजुटता अल्पकालिक थी।
राजनीतिक प्रभाव-
एकजुटता की कमी- सिकंदर के आक्रमण ने भारतीय राज्यों की आपसी लड़ाइयों को बढ़ावा दिया, जिससे उनकी एकजुटता कम हुई।
नए शहरों की स्थापना- सिकंदर ने अपनी विजयों के बाद कई नए शहरों की स्थापना की, जैसे कि निकाय और बुकाफेला ¹।
व्यापार और संस्कृति का आदान-प्रदान- सिकंदर के आक्रमण से भारत और यूनान के बीच व्यापार और संस्कृति का आदान-प्रदान हुआ।
सामाजिक प्रभाव-
वीर पोरस की कहानी- सिकंदर के साथ हुए युद्ध में वीर पोरस की बहादुरी और सम्मान की कहानी प्रसिद्ध हुई।
भारतीय सेनाओं की शक्ति का प्रदर्शन- इस युद्ध में भारतीय सेनाओं ने अपनी शक्ति और बहादुरी का प्रदर्शन किया।
आर्थिक प्रभाव-
व्यापार मार्गों का विकास- सिकंदर के आक्रमण से भारत और यूनान के बीच व्यापार मार्गों का विकास हुआ।
संपत्ति की लूट- सिकंदर की विजयों के बाद कई शहरों और राज्यों की संपत्ति की लूट हुई।
इन प्रभावों से यह स्पष्ट होता है कि सिकंदर के आक्रमणों ने भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। questions of history 4
32.कनिष्क की उपलब्धियों को रेखांकित कीजिए।
उत्तर-कनिष्क की उपलब्धियों में से कुछ प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं-
सैन्य और राजनीतिक उपलब्धियां- कनिष्क ने कुषाण साम्राज्य को अपने शासनकाल में चरम पर पहुंचाया। उनका साम्राज्य मध्य एशिया, गांधार, और पाटलिपुत्र तक फैला हुआ था ।
बौद्ध धर्म का प्रसार- कनिष्क ने बौद्ध धर्म को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने चौथी बौद्ध परिषद का आयोजन कश्मीर में किया, जिसमें वसुमित्र और अश्वघोष ने महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
कला और संस्कृति- कनिष्क के शासनकाल में गांधार और मथुरा स्कूल ऑफ आर्ट का विकास हुआ। उन्होंने बौद्ध कला और वास्तुकला को बढ़ावा दिया, जिसमें पेशावर में कनिष्क स्तूप का निर्माण शामिल है।
भाषा और लिपि- कनिष्क ने ग्रीक की जगह बैक्ट्रियन को अपने साम्राज्य की आधिकारिक भाषा बनाया। उनके शासनकाल में ग्रीक लिपि का भी उपयोग किया गया।
विदेशी संबंध- कनिष्क ने चीन के साथ संबंध स्थापित किए और अपने साम्राज्य की सीमाओं का विस्तार किया। उन्होंने पार्थियन साम्राज्य के आक्रमण को भी सफलतापूर्वक रोका।
33.मुहम्मद बिन क़ाशिम के भारत आक्रमण की विवेचना कीजिए।
उत्तर-मुहम्मद बिन क़ासिम ने भारत पर आक्रमण करने के लिए 17 साल की उम्र में 6000 सीरियाई सैनिकों,600 ऊंटों की सेना तथा 3000 सामान ढोने वाले बाख्त्री ऊंट लेकर 710 ईसवी में ईरान के शिराज़ शहर से चल दिए। उनका मकसद सिंध और पंजाब पर कब्जा करना था, जो उन्होंने सफलतापूर्वक हासिल किया।
मुहम्मद बिन क़ासिम के अभियान की महत्वपूर्ण घटनाएं-
मकरान पर हमला- मुहम्मद बिन क़ासिम ने मकरान तट के रास्ते से आक्रमण किया और वहाँ के राज्यपाल ने उन्हें और सैनिक दिए।
देबल की बंदरगाह पर पहुंच- वे किश्तियों से सिंध के आधुनिक कराची शहर के पास स्थित देबल की बंदरगाह पर पहुंचे, जो उस ज़माने में सिंध की सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाह थी।
रोहड़ी में दाहिर सेन की हरायी- सिंधु नदी के पार रोहड़ी में दाहिर सेन की सेनाएँ थीं जो हराई गईं।
ब्राह्मनाबाद और मुल्तान पर कब्जा- दाहिर सेन की मृत्यु के बाद मुहम्मद बिन क़ासिम का सिंध पर कब्जा हो गया और ब्राह्मनाबाद और मुल्तान पर भी अरबी कब्जा हो गया।
सौराष्ट्र की तरफ अभियान- उन्होंने सौराष्ट्र की तरफ दस्ते भेजे, लेकिन राष्ट्रकूटों के साथ संधि हो गई।
कन्नौज की तरफ अभियान- उन्होंने कन्नौज की तरफ 10000 सैनिकों की सेना भेजी, लेकिन कूफ़ा से वापस आने का आदेश आ गया और यह अभियान रोक दिया गया। Important questions of history 4
34. मानव सभ्यता के विकास की प्रथम अवस्था कौन सी है?
उत्तर-मानव सभ्यता के विकास की प्रथम अवस्था प्रागैतिहासिक काल या आदिम युग है, जिसे पाषाण युग भी कहा जाता है। यह अवस्था लगभग 2.5 लाख वर्ष पूर्व से 3,500 ईसा पूर्व तक चली।
इस अवस्था की विशेषताएं हैं-
1. शिकार और खाद्य संग्रह
2. गुफाओं और पेड़ों के नीचे रहना
3. पत्थर और लकड़ी के औजारों का उपयोग
4. आदिम भाषा और संचार
5. छोटे समूहों में रहना
6. धर्म और कला के प्रारंभिक रूप
पाषाण युग को तीन भागों में बांटा गया है-
1. पुरापाषाण युग (2.5 लाख – 1 लाख वर्ष पूर्व)
2. मध्यपाषाण युग (1 लाख – 10,000 वर्ष पूर्व)
3. नवपाषाण युग (10,000 – 3,500 वर्ष पूर्व)
इस अवस्था में मानव ने अपने जीवन को संगठित करना और अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तकनीकों का विकास करना शुरू किया। Important questions of history 4
35.सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता क्या थी?
उत्तर-सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
1. शहरीकरण- सिंधु घाटी सभ्यता में शहरीकरण की व्यापक व्यवस्था थी, जिसमें मोहनजोदड़ो और हड़प्पा जैसे बड़े शहर थे।
2. सड़कें और वास्तुकला- शहरों में सीधी और व्यवस्थित सड़कें थीं, और घरों की वास्तुकला अत्यधिक विकसित थी।
3. जल प्रबंधन प्रणाली- सिंधु घाटी सभ्यता में जल प्रबंधन के लिए उन्नत प्रणाली थी, जिसमें नहाने के स्नानागार और जल शोधन की व्यवस्था थी।
4. लेखन प्रणाली- सिंधु घाटी सभ्यता में एक विकसित लेखन प्रणाली थी, जो अभी तक पूरी तरह से समझी नहीं गई है।
5. व्यापार और वाणिज्य- सिंधु घाटी सभ्यता में व्यापार और वाणिज्य की व्यापक व्यवस्था थी, जिसमें मध्य एशिया और मेसोपोटेमिया से व्यापार होता था।
6. कृषि और पशुपालन- सिंधु घाटी सभ्यता में कृषि और पशुपालन की व्यापक व्यवस्था थी, जिसमें गेहूं, जौ, और कपास जैसी फसलें उगाई जाती थीं।
7. धातुकर्म और शिल्प- सिंधु घाटी सभ्यता में धातुकर्म और शिल्प की व्यापक व्यवस्था थी, जिसमें तांबे, पीतल, और लोहे के औजार बनाए जाते थे।
इन विशेषताओं से यह स्पष्ट होता है कि सिंधु घाटी सभ्यता एक अत्यधिक विकसित और संगठित सभ्यता थी। questions of history 4
36. मौर्य साम्राज्य के संस्थापक कौन थे?
उत्तर-मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य थे। उन्होंने 322 ईसा पूर्व में मौर्य साम्राज्य की स्थापना की और 298 ईसा पूर्व तक शासन किया। चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने गुरु और मंत्री चाणक्य की सहायता से नंद वंश को हराकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की।
चंद्रगुप्त मौर्य की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ-
1. नंद वंश का पतन
2. मौर्य साम्राज्य की स्थापना
3. विस्तृत साम्राज्य का निर्माण
4. आर्थिक और सामाजिक सुधार
5. चाणक्य के साथ मिलकर शासन
चंद्रगुप्त मौर्य के बाद उनके पुत्र बिंदुसार और पोत्र अशोक ने मौर्य साम्राज्य का शासन किया। अशोक ने बौद्ध धर्म को अपनाया और अपने शासनकाल में शांति और न्याय को बढ़ावा दिया।
37. प्राचीन इतिहास के जनक कौन थे?
उत्तर-प्राचीन इतिहास के जनक हेरोडोटस (484-425 ईसा पूर्व) को माना जाता है, जो एक यूनानी इतिहासकार थे। उन्हें “इतिहास का पिता” कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने पहली बार इतिहास को एक व्यवस्थित और विस्तृत तरीके से लिखने का प्रयास किया।
हेरोडोटस की महत्वपूर्ण कार्य-
1. “द हिस्टोरीज़” (इतिहास)- यह उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति है, जिसमें उन्होंने पेर्श युद्ध और यूनानी सभ्यता का विवरण दिया।
2. इतिहास लेखन की पद्धति- उन्होंने इतिहास लेखन की एक नई पद्धति विकसित की, जिसमें उन्होंने तथ्यों को इकट्ठा करने, साक्ष्य को मूल्यांकन करने और निष्कर्ष निकालने का तरीका अपनाया।
3. भूगोल और संस्कृति का अध्ययन- उन्होंने विभिन्न देशों और संस्कृतियों का अध्ययन किया और उनके बारे में विस्तृत जानकारी दी।
हेरोडोटस के कार्यों ने आगे के इतिहासकारों को प्रभावित किया और उन्हें इतिहास लेखन की एक नई दिशा दिखाई। questions of history 4
38. दुनिया का सबसे पुराना इतिहास कौन सा माना जाता है?
उत्तर-दुनिया का सबसे पुराना इतिहास मेसोपोटेमिया का इतिहास माना जाता है, जो लगभग 4500 वर्ष पूर्व से 539 ईसा पूर्व तक का है। मेसोपोटेमिया में सुमेर, बेबीलोन, असीरिया और बेबीलोन जैसी प्राचीन सभ्यताएं थीं।
मेसोपोटेमिया के इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं-
1.सुमेरीय सभ्यता (4500-1900 ईसा पूर्व)
2. बेबीलोन की स्थापना (1834 ईसा पूर्व)
3. हैम्मुराबी का शासन (1792-1750 ईसा पूर्व)
4. असीरिया साम्राज्य (911-612 ईसा पूर्व)
5. नेबुकैडनेज़र का शासन (605-562 ईसा पूर्व)
मेसोपोटेमिया के इतिहास के महत्वपूर्ण स्रोत-
1. कीलिफॉर्म लिपि
2. शिलालेख
3. मिट्टी की प्लेटें
4. प्राचीन ग्रंथ
मेसोपोटेमिया का इतिहास दुनिया के सबसे पुराने इतिहासों में से एक है, जिसमें कई महत्वपूर्ण सभ्यताएं और संस्कृतियां शामिल हैं। questions of history 4
39.प्राचीन इतिहास को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर-प्राचीन इतिहास को आम तौर पर तीन भागों में बाँटा गया है-
1. प्रागैतिहासिक काल (आदिम युग)- यह काल लगभग 2.5 लाख वर्ष पूर्व से 3500 ईसा पूर्व तक का है, जब मानव सभ्यता की शुरुआत हुई थी।
2. प्राचीन काल (प्राचीन सभ्यताएं)- यह काल लगभग 3500 ईसा पूर्व से 500 ईसा पूर्व तक का है, जब मिस्र, मेसोपोटेमिया, यूनान, रोम जैसी प्राचीन सभ्यताएं विकसित हुईं।
3. मध्य युग (मध्यकालीन इतिहास)- यह काल लगभग 500 ईसा पूर्व से 1500 ईसवी तक का है, जब यूरोप में मध्य युग की शुरुआत हुई और इस्लामी साम्राज्य का विकास हुआ।
इसके अलावा, प्राचीन इतिहास को और भी विशिष्ट भागों में बाँटा जा सकता है, जैसे-
पाषाण युग
ताम्र युग
लोह युग
वेदिक काल
महाजनपद काल
मौर्य काल
गुप्त काल
यह विभाजन इतिहासकारों और प्राचीन सभ्यताओं के अध्ययन के आधार पर किया गया है। questions of history 4
40.इतिहास का सबसे पुराना समय कौन सा माना गया है?
उत्तर-इतिहास का सबसे पुराना समय प्रागैतिहासिक काल या आदिम युग माना जाता है, जो लगभग 2.5 लाख वर्ष पूर्व से 3500 ईसा पूर्व तक का है।
इस काल को तीन भागों में बांटा गया है-
1. पुरापाषाण युग (2.5 लाख – 1 लाख वर्ष पूर्व)
2. मध्यपाषाण युग (1 लाख – 10,000 वर्ष पूर्व)
3. नवपाषाण युग (10,000 – 3,500 वर्ष पूर्व)
इस काल में मानव सभ्यता की शुरुआत हुई, और लोग शिकार, खाद्य संग्रह, और कृषि के माध्यम से जीवन व्यतीत करते थे।
इस काल की विशेषताएं-
आदिम औजारों का उपयोग
गुफाओं और पेड़ों के नीचे रहना
शिकार और खाद्य संग्रह
आदिम भाषा और संचार
छोटे समूहों में रहना
यह काल मानव सभ्यता के विकास की शुरुआत है, और इसे इतिहास का सबसे पुराना समय माना जाता है। questions of history 4