15.महान महाराणा प्रताप the great maharana pratap


महाराणा प्रताप का पूर्ण जीवन

शुरुआत से अंत तक जरूर पढ़े।


 

महाराणा प्रताप का जीवन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वे मेवाड़ के राजा थे और स्वतंत्रता, साहस और समर्पण के प्रतीक माने जाते हैं। उनका जीवन और संघर्ष भारतीय स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में आज भी याद किए जाते हैं।  the great maharana pratap

प्रारंभिक जीवन

1.जन्म- महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुंभलगढ़, मेवाड़ में हुआ था। वे राणा उदय सिंह II और रानी जीवन कंवर के पुत्र थे।

2.शिक्षा- महाराणा प्रताप ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कुंभलगढ़ किले में प्राप्त की। उन्हें युद्धकला, शस्त्र विद्या और प्राचीन भारतीय ग्रंथों का अध्ययन कराया गया।

शासन काल

1.राजगद्दी पर आरूढ़ होना- 1556 में, जब उनके पिता का निधन हुआ, तब प्रताप ने मेवाड़ के राजा के रूप में गद्दी संभाली। उस समय मेवाड़ मुगलों के अधीनता में था।

2.मुगल सम्राट अकबर से संघर्ष- अकबर ने मेवाड़ पर विजय पाने की योजना बनाई और प्रताप ने उसके खिलाफ संघर्ष शुरू किया। the great maharana pratap

प्रमुख युद्ध

1.हलोई का युद्ध- 1561 में, महाराणा प्रताप ने मुगलों के साथ हलोई का युद्ध लड़ा, जिसमें उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ा।

2.हैमीरगढ़ का युद्ध- 1568 में, अकबर ने मेवाड़ पर आक्रमण किया और चित्तौड़गढ़ किला जीत लिया। इस पर, प्रताप ने मेवाड़ की भूमि की रक्षा करने का निश्चय किया।

3.तलवंडी का युद्ध- 1576 में, हल्दीघाटी की लड़ाई सबसे महत्वपूर्ण थी। इस युद्ध में प्रताप ने मुगलों की विशाल सेना का सामना किया। यह युद्ध इतिहास में वीरता और साहस का प्रतीक बन गया।

जीवन संघर्ष

1.गृहस्थी की कठिनाइयाँ- युद्धों के कारण, प्रताप को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने जंगलों में रहकर अपने लोगों की रक्षा की और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखा।

2.सहयोगी सेनाएँ- प्रताप ने विभिन्न रजवाड़ों से समर्थन प्राप्त किया और अपने आदिवासी समर्थकों के साथ मिलकर मुगलों का सामना किया।

मृत्यु और विरासत

1.मृत्यु- महाराणा प्रताप ने 19 जनवरी 1597 को अपने जीवन का अंत किया। उनकी मृत्यु युद्ध में नहीं, बल्कि साधारण बीमारी से हुई।

2.विरासत- प्रताप को आज भी भारतीय इतिहास में वीरता और स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है। उनके नाम पर कई स्मारक, सड़कें और संस्थाएँ स्थापित की गई हैं।

3.साहित्य और संस्कृति- उनकी वीरता पर कई कविताएँ, गीत और कहानियाँ लिखी गई हैं, जो उनकी महानता को दर्शाती हैं।

महाराणा प्रताप का जीवन समर्पण, साहस और अपने धर्म की रक्षा का प्रतीक है। उनके संघर्ष ने स्वतंत्रता की भावना को जीवित रखा और वे भारतीय इतिहास में एक अमिट स्थान रखते हैं। the great maharana pratap


 


महाराणा प्रताप को महान बनाने वाली कुछ बातें

महाराणा प्रताप को महान बनाने वाली बातें निम्नलिखित हैं-

1.स्वतंत्रता प्रेम– महाराणा प्रताप ने अपने देश की स्वतंत्रता के लिए जीवन भर संघर्ष किया। उन्होंने मुगलों के अधीनता को स्वीकार नहीं किया।

2.वीरता और साहस- हल्दीघाटी की लड़ाई में उनकी वीरता और साहस ने उन्हें भारतीय इतिहास में अमर बना दिया। वे 20,000 मुगलों की विशाल सेना का सामना अकेले अपनी सेना के साथ करते रहे।

3.कुल और संस्कृति की रक्षा- उन्होंने अपने राजपूत कुल और संस्कृति की रक्षा के लिए कभी समझौता नहीं किया, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हो।

4.विपरीत परिस्थितियों में धैर्य- युद्ध और संघर्ष के बावजूद, उन्होंने अपने लोगों के लिए धैर्य और साहस का परिचय दिया। जंगलों में जीवन बिताने के बावजूद, उन्होंने अपने राज्य की रक्षा की।

5.स्थायी भावना- महाराणा प्रताप ने अपने आदर्शों के प्रति अडिग रहते हुए अपने सभी कार्य किए, जिससे उन्होंने अपने अनुयायियों में स्थायी भावना जगाई।

6.निष्ठा और समर्पण- उन्होंने अपने परिवार, राज्य और लोगों के प्रति निष्ठा और समर्पण का परिचय दिया, जो उन्हें एक आदर्श नेता बनाता है।

7.राजनीतिक चातुर्य- उन्होंने कई राजपूत रजवाड़ों से गठबंधन करके अपनी स्थिति को मजबूत किया और मुगलों के खिलाफ एकजुटता को बढ़ावा दिया।

8.सामाजिक जागरूकता- उन्होंने अपने समय में समाज की भलाई के लिए काम किया और अपने सैनिकों एवं समर्थकों के प्रति गहरी मानवता दिखाई।

इन गुणों ने महाराणा प्रताप को केवल एक महान योद्धा नहीं, बल्कि एक आदर्श नेता और महान व्यक्तित्व बना दिया। the great maharana pratap


 


अकबर ने महाराणा प्रताप के बारे में क्या कहा

30 वर्षों की लगातार कोशिशों के बावजूद अकबर महाराणा प्रताप को बंदी ना बना सका।यही नहीं महाराणा की मृत्यु की खबर सुनकर अकबर रो पड़ा था। कहते हैं अकबर महलों में सोते सोते,जग जाता था।प्रताप की वीरता ऐसी थी की उनके दुश्मन भी उनके युद्ध कोशल के क़ायल थे।


 


अकबर ने महाराणा प्रताप के बारे में कई बार प्रशंसा की। उनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हैं-

1.वीरता की सराहना- अकबर ने कहा था कि महाराणा प्रताप जैसे वीरता और साहस से परिपूर्ण राजा मिलना कठिन है। उन्होंने उनकी लड़ाई के प्रति सम्मान व्यक्त किया।

2.प्रतिरोध का प्रतीक- अकबर ने प्रताप को एक ऐसा प्रतिरोधक माना, जिसने उनकी मुगल साम्राज्य की विस्तार योजनाओं के खिलाफ मजबूती से खड़ा हुआ।

3.राजपूतों की गरिमा- अकबर ने यह भी स्वीकार किया कि महाराणा प्रताप राजपूतों की गरिमा और स्वाभिमान का प्रतीक हैं।

इन सभी बिंदुओं से यह स्पष्ट होता है कि अकबर ने महाराणा प्रताप को एक मजबूत और साहसी नेता के रूप में देखा और उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। the great maharana pratap


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